“भरोसे की कब्र (Part – 3):सच का साया”

रात 12 बजे की वो चीख़ अब भी उस मोहल्ले में गूँजती है,
क्योंकि किसी को नहीं पता कि उस रात मरा कौन था — आरव, कुणाल या सिया?

सुबह पुलिस पहुँची, घर के अंदर खून के निशान थे, टूटी हुई ग्लास की बोतलें, और बालकनी के पास किसी की अंगूठी — जिस पर लिखा था “S 💔 K”
पर वहाँ कोई लाश नहीं थी।

“भरोसे की कब्र (Part – 3)सच का साया”

सिया को होश आया तो वो हॉस्पिटल में थी।
डॉक्टर ने कहा, “आप बहुत भाग्यशाली हैं, किसी ने समय पर पुलिस को फोन कर दिया था।”
सिया ने काँपते हुए पूछा — “आरव कहाँ है?”
डॉक्टर ने कहा — “हमें कुछ नहीं मिला।”

उसकी आँखों के सामने उस रात का आखिरी पल घूम गया —
कुणाल ने आरव को धक्का दिया था, और उसी के बाद सब अंधेरा हो गया।

पर कहानी में अब मोड़ आने वाला था।
क्योंकि अगले दिन सिया के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से वीडियो आया —
वीडियो में आरव ज़िंदा था… और कह रहा था,

“तुम दोनों ने खेल शुरू किया था सिया,
पर अब खेल मेरे हाथ में है।”

सिया के रोंगटे खड़े हो गए।
वो घबराकर कुणाल के पास पहुँची, “आरव ज़िंदा है!”
कुणाल मुस्कुराया — “नामुमकिन… मैंने अपनी आँखों से देखा है कि वो…”
वो बोल ही रहा था कि टीवी अपने आप ऑन हुआ।
स्क्रीन पर वही वीडियो चल रहा था — आरव का चेहरा,
खून से सना, पर आँखों में ठंडापन।

“कुणाल… अब तेरी बारी है।
मैं वो सब देख चुका हूँ जो तूने छिपाया था।”

कुणाल का चेहरा सफेद पड़ गया।
वो चिल्लाया, “सिया! उसने हमें फँसाने का प्लान बनाया है!”
पर सिया पीछे हट गई — “या शायद तूने सब मुझसे झूठ बोला…”

उसी वक्त बाहर से किसी के कदमों की आवाज़ आई।
दरवाज़ा खुला… पर अंदर कोई नहीं था।
सिर्फ़ हवा चली और टेबल पर एक कागज़ गिरा —
जिस पर लिखा था —
“अब सच का साया हर जगह है।”

सिया चीख़ पड़ी — “आरव… तू कहाँ है?”
कुणाल ने दरवाज़ा बंद किया, लेकिन अचानक पीछे से किसी ने उसका कंधा पकड़ लिया।
वो पलटा —
कमरे में धुआँ फैला हुआ था,
और उसी धुएँ में आरव की परछाई उभर रही थी।

“कहा था न, खेल यहीं खत्म नहीं होगा…”

कुणाल पीछे हटने लगा, डर और पागलपन उसकी आँखों में था।
सिया बेहोश होकर ज़मीन पर गिर पड़ी।

जब सब शांत हुआ,
कमरे में सिर्फ़ आरव की आवाज़ गूँज रही थी —

“अब भरोसे की कब्र में दफ़न होगा वो, जिसने भरोसा तोड़ा।”

अगली सुबह पुलिस ने दरवाज़ा तोड़ा।
अंदर सिर्फ़ कुणाल की लाश थी,
और दीवार पर खून से लिखा था —
“सच कभी नहीं मरता।”

🔥 To be continued…
Part 4 – “मौत का इंतज़ार”
जहाँ कहानी का सबसे बड़ा सच सामने आएगा —
क्या आरव ज़िंदा है, या उसका साया सब पर हावी हो चुका है…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *