बहता जल : एक प्रेरणादायक कहानी
एक बालक परीक्षा में फेल हो गया। मानसिक अशांति और निराशा में डूबा रात उठकर आत्महत्या करने निकल गया।
रास्ते मे बौद्ध मठ पड़ा, अंदर देखा , भिक्छु कह रहे थे’
पानी मैला क्यो नही होता?
क्योंकि वह बहता रहता है।
पानी का एक बिंदु झरने से नदी, नदी से महानदी और महानदी से समुद्र क्यो बन जाता है?
क्योंकि वह बहता है, इसलिए जीवन में तुम रुको मत,बहते रहो।
जीवन मे कुछ असफलताएं आती है, किंतु तुम घबराओ मत।
उन्हें लांघकर दोगुनी मेहनत करते चलो। बहना और चलना ही जीवन है।
रुक गए तो उसी तरह सड़ जाओगे जिस तरह रुक हुआ पानी सड़ जाता है।
बहता जल कहानी से शिक्षा
इसलिए लगातार चलते रहो , असफलताएं सफलता में बदल जाएगी।