“भरोसे की कब्र (Part – 3):सच का साया”
रात 12 बजे की वो चीख़ अब भी उस मोहल्ले में गूँजती है,क्योंकि किसी को नहीं पता कि उस रात मरा कौन था — आरव, कुणाल या सिया? सुबह पुलिस पहुँची, घर के अंदर खून के निशान थे, टूटी हुई ग्लास की बोतलें, और बालकनी के पास किसी की अंगूठी — जिस पर लिखा था […]













