विश्व प्रसिद्ध नैमिषारण्य धाम (Naimisharanya) – नीमसार (Neemsar) के चक्र तीर्थ (Naimisharanya Chakra Tirth) स्थल की सम्पूर्ण जानकारी
नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) तीर्थस्थल (Naimisharanya Chakra Tirth Sthal) एक पवित्र दर्शनीय स्थल है जो की पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) से जुड़ी अनेक कथाएं पूरे भारतवर्ष में प्रचलित हैं। नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) का नाम नैमिष नामक वन के नाम पर पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि नैमिषारण्य (Naimisharanya Chakra Tirth Dham – Neemsar) तीर्थस्थल (Naimisharanya Chakra Tirth) के दर्शन के बिना चारो धामों की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
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आखिर क्यों नैमिषारण्य के दर्शनीय स्थल (Naimisharanya – Neemsar) इतना प्रसिद्ध है:
प्रभु श्री राम का अश्वमेघ यज्ञ:
प्रभु श्री राम ने नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) में अश्वमेघ यज्ञ को पूरा किया था इस तथ्य का प्रमाण रामायण में भी मिलता है ।और यह भी माना जाता है कि सत्यनारायण की कथा भी पहली बार नैमिसारण्य में ही सम्पन्न हुई थी। और नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) से जुड़ी अनेकों कथाएं प्राचीन काल से ही प्रचलित हैं। नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) के दर्शनीय स्थलों की शोभा अतुलनीय है।
नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) एक तपोभूमि क्यों बना :
नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) के बारे में यह भी माना जाता है की स्वयं ब्रह्मा ने कहा है की नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) शुद्ध एवम पवित्र स्थान है तपस्या करने के लिए। नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) का वातावरण बहुत ही शांत है। माना ये भी जाता है नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) ही वह स्थान जो कलयुग के प्रभावों से अछूता है।
महर्षि दाधीच का नैमिषारण्य (Naimisharanya Chakra Tirth Dham – Neemsar) मे दान
महर्षि दाधीच ने नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) में ही इस संसार के कल्याण के लिए अपनी अस्थियां अपने वैरी देवराज इंद्र को दान की थी। इस स्थान के बारे में यह भी कहा जाता है की प्राचीन काल में यहां लगभग 88 हजार ऋषियों ने तप किया था। और रामायण में भी इस तथ्य का प्रमाण मिलता है की भगवान श्री राम ने इसी भूमि पर अश्वमेघ यज्ञ पूरा किया था। और भी कई सारी प्रचलित कथाएं नैमिषारण्य (Naimisharanya Chakra Tirth Dham – Neemsar) की तपो भूमि पर ही सम्पन्न हुई हैं।
इस प्रकार से हम कह सकते हैं की प्राचीनकाल की सबसे प्रसिद्ध तपो भूमि नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) है।
नैमिषारण्य के दर्शनीय स्थल :
Naimisharanya – Neemsar धाम के दर्शनीय स्थल:
वैसे तो नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) में अनेकों दर्शनीय स्थल एवम् मंदिर बने हुए हैं जिनके पीछे कोई न कोई कहानी एवम् तथ्य जुड़े हुए हैं। लेकिन सबसे प्रचलित और प्राचीनकालीन नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) का चक्रतीर्थ (Naimisharanya Chakra Tirth) ही माना जाता है। इसके पीछे कई सारी कहानियां और तथ्य जुड़े हुए हैं। यह कहा जाता है की इसका निर्माण श्री कृष्ण के चक्र (Chakra) के द्वारा हुआ था यही सबसे प्रचलित एवं प्राचीन कहानी है। इसके निर्माण की।
नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) में श्रद्धालुओं का आगमन:
जैसा की नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) पूरे भारतवर्ष में प्रचलित है इसीलिए भारतवर्ष के अलग अलग राज्यों से श्रद्धालु नैमिषारण्य (Naimisharanya Chakra Tirth Dham – Neemsar) तीर्थस्थल (Naimisharanya Chakra Tirth Sthal) के दर्शन के लिए आते रहते हैं।
श्रद्धालुओं को ठहरने की सुविधा (Naimisharanya Chakra Tirth Dham Hotel)
नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) में अनेकों आश्रम बनाए गए है जिससे की श्रद्धालुओं को ठहरने में आसानी रहती है। नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) चक्र तीर्थ स्थल (Naimisharanya Chakra Tirth Sthal) के आसपास अनेकों अच्छे अच्छे होटल (Hotel) आसानी से ठहरने हेतु मिल जाते है साथ ही यह पर और भी कई सारी सुलभ दर्शन हेतु सुविधाएं उपलब्ध हैं।
नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) में आने के आसान मार्ग (Neemsaar Distance):
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से नैमिषारण्य (Neemsaar Distance) लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिला में गोमती नदी के बाएँ तट पर स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है। वैसे तो नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) आने के कई मार्ग हैं लेकिन सबसे आसान मार्ग बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए यह है की वो पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आ जाए और फिर मिश्रिख सिधौली रोड से होते हुए सीतापुर में प्रवेश करके मिश्रिख से सीधे कुछ ही घंटों में नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) तीर्थस्थल (Naimisharanya Chakra Tirth Sthal) तक पहुंच जाएंगे। और दूसरा आसान रास्ता श्रद्धालुओं के लिए यह है की वो सीतापुर के पड़ोसी जिले हरदोई से होते हुए नैमिषारण्य (Naimisharanya – Neemsar) धाम तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
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नैमिषारण्य धाम (Naimisharanya Dham) Neemsar तीर्थ स्थल के दर्शनीय स्थल (नैमिषारण्य के दर्शनीय स्थल) व मंदिर (Temple)
- चक्रतीर्थ
- परिक्रमा
- पंचप्रयाग
- ललितादेवी
- व्यास-शुकदेव के स्थान
- दशाश्वमेध टीला
- पाण्डव किला
- चारों धाम मंदिर
- सूतजी का स्थान
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