जैसा की आप सभी जानते हैं की हिमालय (Himalaya) पर्वतश्रंखला अपनी सुषमा एवम सुंदरता के लिए पूरे संसार में प्रसिद्ध है हिमालय पर्वतश्रंखला में अनेकों विश्व प्रसिद्ध पर्वत चोटियां शामिल हैं। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट भी हिमालय में ही स्थित है।
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जिनको देखने के लिए पर्यटक भरी संख्या में आते रहते हैं। हिमालय (Himalaya) यात्रा (Traveling) की दृष्टि से एक बहुत अच्छा और विस्तृत स्थान है। जिन पर्यटकों को बर्फ से ढके पहाड़ देखने की जिज्ञासा होती है वो हिमालय आकार बर्फ के सभी आनंदों का मजा ले सकता है हिमालय तीन श्रेणियों में बटा हुआ है 1 वृहद या महान हिमालय 2 मध्य हिमालय 3 शिवालिक श्रेणी।
हिमालय (Himalaya) की पर्वतश्रंखलाओ को करीब से देखकर पर्यटकों के मन में इससे जुड़े अनेकों सवाल उत्पन्न होते हैं जैसे :
- हिमालय का इतिहास क्या है?
- हिमालय की भौगोलिक स्थितियां क्या है?
- हिमालय का निर्माण कैसे हुआ?
- हिमालय पर्वतमाला की लंबाई चौड़ाई क्या है?
- हिमालय की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?
- भारत में हिमालय की सबसे ऊंची पर्वत
- चोटी कौन सी है?
- हिमालय से भारत को क्या लाभ हैं?
- हिमालय का क्या महत्व है?
- अगर हिमालय न होता तो क्या होता?
- हिमालय शब्द का क्या अर्थ है?
हिमालय शब्द का अर्थ
हिमालय (Himalaya) शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है हिम+आलय इन दोनों शब्दोें का अलग अलग अर्थ है हिम का अर्थ है बर्फ और आलय का मतलब होता है घर। इस प्रकार हिमालय का अर्थ हो गया बर्फ का घर। इसीलिए हिमालय को बर्फ का घर भी कहा जाता है।
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आज हम आपको हिमालय (Himalaya) की भौगोलिक स्थितियों के बारे में जानकारी देंगे :
हिमालय (Himalaya) से जुड़े कई सारे सवाल लोगों के मन में आते रहते हैं जैसे कि:
- हिमालय का इतिहास क्या है?
- हिमालय की भौगोलिक स्थितियां क्या है?
- हिमालय का निर्माण कैसे हुआ?
- हिमालय पर्वतमाला की लंबाई चौड़ाई क्या है?
- हिमालय की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?
- भारत में हिमालय की सबसे ऊंची पर्वत चोटी कौन सी है?
- हिमालय से भारत को क्या लाभ हैं?
- हिमालय का क्या महत्व है?
- अगर हिमालय न होता तो क्या होता?
- विदेशी आक्रमणों से कैसे बचाता है?
सबसे पहले हम जानेंगे कि हिमालय(Himalaya) का इतिहास क्या है? और इसका निर्माण कैसे हुआ?
हिमालय के बारे में कहा जाता है की जहां आज हिमालय (Himalaya) स्थित है वहां पर कभी समुद्र हुआ करता था। उस समुद्र का नाम टेथिस सागर है ।
टेथिस सागर से ही हिमालय (Himalaya) की उत्पत्ति हुई है इस तथ्य का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि आज भी हिमालय पर समुद्री जीवो के अवशेष देखने को मिलते हैं हिमालय के निर्माण के बारे में कहा जाता है कि जब पृथ्वी की प्लेटें आपस में टकराईं तो समुद्र का स्थल टकराव के कारण बहुत अधिक ऊंचाई तक ऊपर उठ गया और इस प्रकार हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण हुआ
- हिमालय पर्वतमाला की लंबाई चौड़ाई क्या है?
- हिमालय की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?
- भारत में हिमालय की सबसे ऊंची पर्वत
- चोटी कौन सी है?
आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब:
- हिमालय की लंबाई है 2500 किमी. और इसकी चौड़ाई है 160 से 400 किमी.के बीच। हिमालय का पूरा क्षेत्रफल लगभग 500,000 वर्ग किमी. है।
- हिमालय की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) है जो की नेपाल में स्थित है नेपाल में इसे सागरमाथा के नाम से जाना जाता है जिसकी ऊंचाई का सर्वे भारत ने ही किया था और इसकी ऊंचाई 8,848 मीटर बताई गई। माउंट एवरेस्ट का नाम ब्रिटिश सर्वेयर सर जार्ज एवरेस्ट के सम्मान में माउंट एवरेस्ट रखा गया।
- भारत में हिमालय की सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा है जो की भारत के राज्य सिक्किम में स्थित है।
- इसे भारत में K2 के नाम से भी जाना जाता है।
- हिमालय का क्या महत्व है? या हिमालय से भारत को क्या क्या लाभ हैं?
हिमालय (Himalaya) से भारत को अनेकानेक लाभ प्राप्त होते हैं।
हमारे भारत देश की जो जलवायु है उसे नियंत्रित करने में भी हिमालय की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं बहुत ऊंची होने के कारण हिंद महासागर से उठने वाली जल से भरी हवाएं ( मानसूनी हवाएं) हिमालय से आकर टकराती हैं और ऊंचाई अधिक होने के कारण ये हिमालय को पार नहीं कर पाती जिसके कारण उत्तर भारत में भरी वर्षा होती है इस प्रकार हम कह सकते हैं कि उत्तर भारत में वर्षा कराने में हिमालय की ही मुख्य भूमिका रहती है और हिमालय ही साइबेरिया से आने वाली ठंडी हवाओं को रोक कर भारत को ठंड के प्रकोप से बचाता है।
हिमालय से कई प्रकार की औषधियां भी प्राप्त होती हैं।
इतनी अधिक ऊंचाई होने के कारण हिमालय हमें विदेशी आक्रमणों से भी बचाता है। क्योंकि इतनी ऊंचाई को आसानी से पार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इतनी अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल भी काम पड़ने लगता है ठंड अत्यधिक बढ़ जाती है और भी कई सारी समस्याएं आक्रमणकारियों को रोकती हैं।
अगर हिमालय न होता तो उत्तर भारत में बिल्कुल भी वर्षा नहीं होती और यह क्षेत्र थार के रेगिस्तान जैसा बन जाता।
हिमालय को करीब से देखने और जानने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक यहां हिमालय (Himalaya) के पर्यटन स्थलों में आते रहते हैं। और इससे भारत को बड़ा फायदा यह होता है की विदेशी पर्यटकों के आने से विदेशी मुद्रा की भी कमाई हो जाती है।
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