दोस्तों आज हम आप लोगों को दुधवा राष्ट्रीय उद्यान Dudhwa National park के बारे में बताने वाले हैं। आज की इस पोस्ट में हम आपको इस राष्ट्रीय उद्यान यानी दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में जानकारी देंगे और इससे जुड़े सवालों के जवाब भी बताने वाले हैं तो आप लोगों के लिए यह पोस्ट दुधवा नेशनल पार्क के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए बेहतर साबित होगी।
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जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दुधवा नेशनल पार्क Dudhwa National park को दुनिया भर में प्रसिद्ध माना जाता है। दुनिया भर से लोग दुधवा नेशनल पार्क में घूमने के लिए आते रहते हैं। और पूरे भारतवर्ष से भी लोग इस दुधवा नेशनल पार्क Dudhwa National park में घूमने के लिए आते रहते हैं।
जब पर्यटक दुधवा नेशनल पार्क को करीब से देखते हैं तो उनके मन में इस नेशनल पार्क से जुड़े कई सारे सवाल आते हैं जैसे-
1. दुधवा नेशनल पार्क का इतिहास क्या है?
2. दुधवा नेशनल पार्क कहां स्थित है? या किस राज्य में स्थित है?
3. दुधवा नेशनल पार्क कितने क्षेत्रफल में फैला हुआ है?
4. दुधवा नेशनल पार्क में कौन कौन से वन्यजीव पाए जाते हैं?
5. दुधवा नेशनल पार्क में कौन सी वनस्पति पाई जाती है?
6. आखिर क्यों दुधवा नेशनल पार्क इतना प्रसिद्ध है?
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तो दोस्तों सबसे पहले हम लोग जानेंगे की
दुधवा नेशनल पार्क Dudhwa National park कहां स्थित है? या भारत के किस राज्य में स्थित है?
जब पर्यटक दुधवा नेशनल पार्क के बारे में सुनते हैं तब उनके मन में यह सवाल जरूर आता है की दुधवा नेशनल पार्क कहां स्थित है इसीलिए हम आज आपको बताएंगे की दुधवा राष्ट्रीय उद्यान भारत में कहा स्थित है
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान यानी दुधवा नेशनल पार्क भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के लखीमपुर- खीरी जिले में स्थित है।
लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा जिला है और यहीं पर दुधवा नेशनल पार्क स्थित है।
दुधवा नेशनल पार्क भारत और नेपाल की सीमा के बीच स्थित है।
Dudhwa National park दुधवा नेशनल पार्क का इतिहास क्या है? और इस नेशनल पार्क की स्थापना कब हुई?
दुधवा नेशनल पार्क की स्थापना:
जैसा की हम जान चुके हैं की दुधवा राष्ट्रीय उद्यान भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित है।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान यानी दुधवा नेशनल पार्क एक प्रसिद्ध संरक्षित वन है, दुधवा नेशनल पार्क स्थापना सन् 1977 में हुई थी। दुधवा नेशनल पार्क भारत और नेपाल की सीमा को जोड़ता हुआ कई वर्ग किलोमीटर तक फैला है।
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दुधवा नेशनल पार्क का इतिहास:
अब आज के समय में दुधवा नेशनल पार्क एक संरक्षित वन बन चुका है। इस वन की वन्य संपदाओं के संरक्षण की शुरुआत ब्रिटिश गवर्नर सर डी वी ब्रेन्डिस के भारत आने के बाद सन् 1860 में हुई थी। सर डी वी ब्रेन्डिस ने इस जंगल के लगभग 303 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को सन् 1861 में ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया और फिर इसे संरक्षित वन के आसपास के जंगलों को भी इसी में मिलाकर इसका विस्तार किया गया था।
इसके बाद इस वन के लगभग 15.9 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल को सन 1958 में सोनारपुर अभ्यारण घोषित किया गया था। और फिर इसी वन क्षेत्र का विस्तार करके 212 वर्ग किलोमीटर के वन्य क्षेत्रफल को दुधवा अभ्यारण के रूप में घोषित कर दिया गया।
बाद में फिर 1977 में भारत सरकार द्वारा स्वयं इस क्षेत्रफल को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया जिसे दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाने लगा दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को ही उत्तर प्रदेश का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान माना जाता है।
इसके पश्चात सन 1972 में एक अधिनियम अधिनियम आया जिसे भारतीय बाघ संरक्षण अधिनियम कहा जाता है इस अधिनियम के तहत दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के संपूर्ण क्षेत्र को संरक्षित दुधवा टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया और इस संपूर्ण टाइगर रिजर्व क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल लगभग 818 वर्ग किलोमीटर के आस पास है।
इस प्रकार इन कठिन प्रयासों एवं अधिनियमों के द्वारा इस वन्य क्षेत्र को संरक्षित वन के रूप में निर्मित किया गया।
यही दुधवा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास है।
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दुधवा नेशनल पार्क Dudhwa National park कितने क्षेत्रफल में फैला हुआ है? या दुधवा राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल कितना है?
लोग जब दुधवा नेशनल पार्क में घूमने के लिए आते है तो वो इस पूरे वन का भ्रमण करते हैं और इसके अलग अलग क्षेत्रों में घूमते हैं जिससे उनको यह नेशनल पार्क क्षेत्रफल में काफी बड़ा लगता है। और उनकी जानने की इच्छा रहती है की जब दुधवा नेशनल पार्क का क्षेत्रफल कितना है।
दोस्तों दुधवा नेशनल पार्क का यानी दुधवा राष्ट्रीय उद्यान हमारे भारत देश और नेपाल की सीमा से लगभग 90 किमी. बफर क्षेत्र के साथ ही 490 वर्ग किलोमीटर के संरक्षित वन क्षेत्र में फैला हुआ है।
दुधवा नेशनल पार्क में कौन सी वनस्पति पाई जाती है?
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में किस प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं?
जिन पर्यटकों को जंगल के पेड़ पौधों और वनस्पतियों को करीब से देखने की इच्छा होती है उनके लिए दुधवा नेशनल पार्क यानी दुधवा राष्ट्रीय उद्यान एक बहुत ही अच्छी जगह है जहां आकार वो कई प्रकार की जंगली वनस्पतियों को देख सकते हैं।
दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों में बहेड़ा, जामुन, खैर, असना, के अतिरिक्त और भी कई प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं इसके अलावा विभिन्न प्रकार की घासें, झाड़ियां और औषधीय वनस्पतियां तथा सुंदर पुष्प वाली वनस्पतियां भी काफी मात्रा में पाई जाती हैं जो कि इस जंगल की शोभा को बढ़ाती हैं।
Dudhwa National park दुधवा नेशनल पार्क में कौन कौन से वन्यजीव पाए जाते हैं?
या दुधवा नेशनल पार्क में कितनी प्रजातियों के वन्यजीव पाए जाते हैं?
जिन पर्यटकों को जंगली जानवरों से एक अलग प्रकार का ही लगाव होता है उनके लिए यह दुधवा राष्ट्रीय उद्यान बहुत ही बेहतर पर्यटन स्थल है। क्योंकि इस नेशनल पार्क में घूमने आए पर्यटकों को कई प्रकार के वन्यजीव और उनकी प्रजातियां देखने को मिलती है। और वो अपने मनपसंद जानवरों को करीब से देख सकते हैं।
दुधवा नेशनल पार्क में जंगली जानवरों की कई सारी दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियां भी मौजूद हैं इसीलिए दुधवा नेशनल पार्क को दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर भी माना जाता है।
इन लुप्तप्राय प्रजातियों में जैसे- बाघ जो की एक लुप्तप्राय प्रजाति है, तेंदुआ, बिल्ली, काले हिरण और दलदली इलाकों में रहने वाले हिरण , हांथी , एक सींग वाला हिसपिड खरगोश के अलावा और भी कई सारी प्रजातियां शामिल हैं।
आखिर क्यों दुधवा नेशनल पार्क इतना प्रसिद्ध है? दुधवा राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है?
जैसा कि हम लोग जान चुके हैं कि दुधवा नेशनल पार्क यानी दुधवा राष्ट्रीय उद्यान एक संरक्षित वन क्षेत्र है।
दुधवा नेशनल पार्क काफी विस्तार रूप से फैला हुआ है और इश्क के जंगलों में विभिन्न प्रकार की अलग-अलग प्रजातियों की वनस्पतियां पाई जाती है जैसे कि कई सारे अलग-अलग प्रजाति के वृक्ष , घासें , झाड़ियां, औषधीय वनस्पति, और कई प्रकार की पुष्पा वाली प्रजातियां भी पाई जाती हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
दुधवा नेशनल पार्क में कई प्रजातियों के वन्य जीव पाए जाते हैं। दुधवा नेशनल पार्क में जंगली जानवरों की कई सारी दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियां भी मौजूद हैं इसीलिए इस नेशनल पार्क को दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर भी माना जाता है।
दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियां जैसे बाघ तेंदुआ काले हिरण आदि का मौजूद होना भी दुधवा नेशनल पार्क को और भी अधिक प्रसिद्ध बनाता है।
इस प्रकार इन सभी वनस्पतियों और वन्यजीवों के मौजूद होने के कारण दुधवा नेशनल पार्क की सुंदरता अत्यधिक बढ़ जाती है और यह एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क के रूप में जाना जाता है। यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
इन सभी कारणों से दुधवा नेशनल पार्क दुनिया भर में प्रसिद्ध है और देश-विदेश लोग यहां घूमने के लिए आते रहते हैं और यहां आकर कई प्रकार की वनस्पतियों और वन्यजीवों को करीब से देखते हैं।
इस प्रकार दुधवा नेशनल पार्क एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क है।
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